नियमित सामायिक करने लिये सकल्प ।
भीलवाड़ा। आत्मा ही परमात्मा है शुक्रवार को अहिंसा भवन शास्त्री नगर मे साध्वी प्रितीसुधा ने धर्मसभा में श्रध्दालूओ को सम्बोधित करतें हूए कहा कि आत्मा को जानने वाला ही परमात्मा को जान सकता है ।शरीर नाश्वर है। आत्मा अजर अमर और अविनाशी है।हर व्यक्ति में परमात्मा निवास करता है।परन्तु मनुष्य की आत्मा जब तक पवित्र नहीं हो जाती है। तब तक वह परमात्मा के दर्शन नही कर सकता है। मनुष्य संसार में खाली हांथ ही आया और अंत समय में खाली हांथ ही इस दुनिया से चला जाएगा। मनुष्य धन-दौलत बटोरने की बजाए अच्छे कर्म कमायेगा तो अच्छे कर्म ही मनुष्य के साथ जाएंगे।मृत्यु को हमेशा याद रखना चाहिए। जिस व्यक्ति को मृत्यु याद रहेगी उसे भगवान भी याद रहेंगे।अगर मृत्यु का भय मन से समाप्त हो गया,तो व्यक्ति भगवान को भूल जाएगा। इसलिए सदैव मृत्यु को याद रखना चाहिए । मनुष्य को दिन रात रुपये-पैसे कमाने की होड़ में नहीं लगे रहना चाहिए। अंत समय में तो सिकंदर भी दूनिया से खाली हाथ ही गया था। आज संसार में हर प्राणी सुख की तलाश में है परंतु उसे फिर भी सुख नसीब नहीं होता। लेकिन इंसान अपने स्वरूप को पहचान ले आत्मा को जगा सकता है वह तभी संभव होगा जब व्यक्ति साधना और आराधना मे संलग्न होकर अपनी आत्मा का अवलोकन करने पर ही परमात्मा को प्राप्त कर सकता है । साध्वी संयम सुधा ने कहा शुध्द भाव से सामायिक करने पर ही व्यक्ति अपने मन की अशुद्धियो को दूर कर सकता है। इसदौरान धर्मसभा में अहिंसा भवन के मुख्य मार्गदर्शक अशोक पोखरना ,अध्यक्ष लक्ष्मणसिंह बाबेल, रिखबचंद पीपाड़ा,सुशील चपलोत संदीप छाजेड़ अमर सिंह बाबेल आदि पदाधिकारियों और महिला मंडल की अध्यक्षा नीता बाबेल,पूर्व सभापति मंजू पौखरना आदि सभी ने रोज एक सामायिक करने का साध्वी प्रितीसुधा से सकल्प लिये ।
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